Constitution of India in Hindi | भारत का संविधान by Ritesh Yadav |All India Free Test

Constitution of India in Hindi – भारत का संविधान by Ritesh Yadav (All India Free Test)

आज सभी Exam में भारतीय संविधान (Indian Constitution) से प्रश्न पूछे ही जाते हैं चाहें आपका Group D की परीक्षा हो या चाहे UPSC की. लेकिन सबका पैटर्न अलग होता है और संविधान के आर्टिकल को याद करना मुश्किल लेकिन हम आसान बना कर आपकी तैयारी में छोटी सी मदद करने का प्रयास करेंगे. परीक्षा में किस आर्टिकल से प्रश्न आते हैं और क्या पूछा जाता हैं हम उसके आधार पर आपको नोट्स भी देंगे और आप चाहें तो फ्री में पढ़ कर बना भी सकते हैं.

भारत का संविधान (Constitution of India)

संविधान क्या है – संविधान किसे कहते हैं

संविधान एक ऐसी विधि है जिसके द्वारा राज्यों का शासन चलाया जाता है।
  • मूल संविधान में 22 भाग और 395 अनुच्छेद हैं लेकिन वर्तमान में 25 भाग और 475 अनुच्छेद हैं जिनके बारे में हम आपको आगे बताएंगे।
  • भारत का संविधान पुरे विश्व का सबसे बड़ा और लिखित संविधान है.
  • ब्रिटेन के संविधान को पुरे विश्व की जननी कहते हैं
  • अगर आपसे यह प्रश्न पूछा जाए कि भारत में सबसे उच्च (सर्वोच्च) क्या माना गया है तो आप इसे याद रखें कि संविधान भारत में सर्वोच्च है ।
अब हम संविधान के प्रकार के बारे में बात करेंगे –
अब आपको Heading लिखना है –

संविधान के प्रकार

संविधान के निम्न प्रकार हैं –

1- लिखित संविधान

जिसमें सभी प्रावधान लिखित रूप में हो उसे हमें लिखित संविधान कहते हैं ।
जैसे : भारत, अमेरिका

2- अलिखित संविधान

जिसमें सभी प्रावधान परम्परा पर आधारित हो उसे अलिखित संविधान कहते हैं।
जैसे : ब्रिटेन

निर्मित संविधान

निर्मित संविधान उसे कहते हैं जिसका निर्माण संविधान सभा के द्वारा किया गया हो।
जैसे : भारत और अमेरिका

विकसित संविधान

जो परम्पराओं पर आधारित हो उसे विकसित संविधान के नाम से जानते हैं।
जैसे : ब्रिटेन 

कठोर संविधान

जिसमें कानून बनाने की कठोर प्रकिया हो उसे कठोर संविधान कहते हैं।
जैसे : अमेरिका का संविधान

लचीला संविधान

जिसमें कानून बनाने की सरल प्रकिया हो उसे लचीला संविधान के नाम से जानते हैं।
जैसे : ब्रिटेन
Important Notes : भारत का संविधान कठोर एवं लचीला दोनों है।
अब नई heading लिखेंगे –

संविधान सभा की मांग

सर्व प्रथम वर्ष 1895 में बाल गंगाधर तिलक ने स्वराज विधेयक के माध्यम से संविधान सभा की मांग की ।
वर्ष 1922 में महात्मा गाँधी जी ने संविधान सभा की मांग की।
वर्ष 1934 में एम. एन. राय ने सुझाव दिया कि भारत का भी अपना संविधान हो।
अब नई heading लिखेंगे –

1942 क्रिप्स प्रस्ताव

क्रिप्स प्रस्ताव के तहत भारतीयों की मांग को स्वीकार किया गया। अब हम जानेंगे कि क्रिप्स प्रस्ताव में मुख्य बातें क्या थीं –
क्रिप्स प्रस्ताव में यह लिखा था कि द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद भारतीयों को संविधान निर्माण की आज्ञा दी जाएगी।
संविधान बनाने के लिए एक संविधान सभा का गठन किया जायेगा जिसमें देशी रियासत एवं प्रान्त के सदस्य होंगे।
क्रिप्स प्रस्ताव में यह भी कहा गया था कि यदि भारतीयों द्वारा बनाया गया संविधान ब्रिटिश सरकार को पसंद नहीं आया तो ब्रिटिश सरकार अपनी यथा स्थिति बनाये रखेगी।
ब्रिटिश सरकार की मनसा को भारतीय समझ गए की अब ब्रिटिश नहीं चाहेंगे की संविधान बने क्यूंकि उन्होंने तो पहले ही कहा दिया की पसंद नहीं आया तो हम ऐसी स्थिति बनाए रखेंगे और सरकार ब्रिटिशस द्वारा ही चलायी जाएगी.
इसपर महात्मा गाँधी जी ने अस्वीकार करते हुए कहा कि – “दिवालिया बैंक या भविष्य की तिथि में भुनाने वाला चेक” है।

वेवेल योजना 1945

वर्ष 1943 में लार्ड लिनलियगो के स्थान पर लार्ड वेवेल को ब्रिटिश सरकार ने भारत की संवैधानिक गतिविधियों को दूर करने के लिए भेजा और कहा गया कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भारत को संविधान बनाने की अनुमति दी जाएगी।
साथियो अब हम अगली पोस्ट में part 2 लेकर आएंगे जो इसके आगे की कहानी होगी आप चाहें तो नोट्स बना सकते है इसकी Complete PDF Ebook आपको जल्द ही send कर दी जाएगी।
अगले भाग में हम “कैबिनेट मिशन योजना 1946” के बारे में विस्तार से बताएंगे और वीडियो भी लाएंगे.
अगर यह पोस्ट आपको थोड़ी भी मदद करती है तो और साथियो के साथ शेयर करें जिससे वो भी अपनी तैयारी कर सके.
!! जय हिन्द !!