Aml Kise Kahate Hai – अम्ल किसे कहते है, परिभाषा, प्रकार, 2 उदाहरण

Aml Kise Kahate Hai : आज रसायन विज्ञान का महत्वपूर्ण टॉपिक अम्ल किसे कहते है (Aml Kise Kahate Hai) के बारे में जानेंगे। विज्ञान में ऐसे कई टॉपिक है जो प्रत्येक प्रतियोगी परीक्षा के लिये जरूरी होते है। इससे पहले आप क्षार किसे कहते है नहीं जानते है तो उसे भी पढ़े। आज हम अम्ल किसे कहते है (Acid in hindi) इसके प्रकार, उदाहरण के बारे में जानकारी साझा कर रहें है। आईये अब अम्ल वर्षा क्या है? अम्ल के प्रकार के बारे में जानते है।

अम्ल किसे कहते है – Aml Kise Kahate Hai

Acid in hindi : ये वे पदार्थ होते है जो खट्टे होने के साथ नीले लिटमस पेपर को लाल कर देते हैं अम्ल कहे जाते हैं। इन पदार्थों को जल में खोलने पर यह वियोजित हो जाते है और हाइड्रोजन आयन देते हैं।

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ऐसे अम्ल जो जीवित स्रोतों से प्राप्त किये जाते है उन्हें कार्बनिक अम्ल कहते हैं जैसे – एसिटिक अम्ल ,सिट्रिक अम्ल, मौलिक अम्ल आदि।
वे अम्ल जो अजीवित स्रोतों से प्राप्त किये जाते हैं उन्हें खनिज अम्ल कहते हैं जैसे – हाइड्रो क्लोरिक अम्ल, नाइट्रिक अम्ल ,सल्फ्यूरिक अम्ल आदि।

यह एक ऐसा रासायनिक योगिक है जो क्षार को हाइड्रोजन आयन देता है। सल्फ्यूरिक अम्ल, एसिटिक अम्ल इसके उदाहरण हैं। यह तीनों प्रकार की अवस्थाओं में पाए जाते हैं ठोस, द्रव और गैस हो सकते हैं। ऐसे पदार्थ जिनमें अम्ल के गुण विद्यमान होते हैं वे पदार्थ अम्लीय कहलाते हैं।

 

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अम्लों के प्रकार (Type of Acid in Hindi)

अम्ल मुख्यतः 4 प्रकार के होते है आईये उन्हें जानते है –

1. हाइड्रो अम्ल (Hydro acids) – ये वें अम्ल होते है जिनमे ऑक्सीजन की मात्रा नहीं होती है। इसके अतिरिक्त हाइड्रोजन के साथ अन्य अधात्विक तत्व भी रहते हैं। जो हाइड्रो अम्ल कहलाते हैं।

उदाहरण – हाइड्रोक्लोरिक अम्ल ( HCL) , हाइड्रोफलुओरिक अम्ल ( HF) , हाइड्रोब्रोमिक अम्ल ( HBr) आदि।

2. आक्सी अम्ल (oxi acids) – वे अम्ल जिनमे हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के साथ साथ अन्य दूसरे तत्व भी उपस्थित होते है, आक्सी अम्ल कहलाते है।

उदाहरण – सल्फ्यूरिक अम्ल, फास्फोरस क्लोरस अम्ल, नाइट्रिक अम्ल आदि।

3. प्रबल अम्ल (Strong acids) – वे अम्ल जो जलीय विलयन में पूर्ण रूप में आयनित हो जाते है, प्रबल अम्ल कहलाते है ।

उदाहरण – HCL

4. दुर्बल अम्ल (Weak acids) – वे अम्ल जो जलीय विलयन में आंशिक रूप से आयनित होते है, वे दुर्बल अम्ल कहलाते है।

उदाहरण – एसिटिक अम्ल , फार्मिक अम्ल , कार्बोनिक अम्ल आदि।

 

अम्ल के गुणधर्म (Properties of Acid in Hindi)

अम्लों के गुणधर्म निम्नलिखित हैं।

  • अम्ल विद्युत के सुचालक होते हैं।
  • एसिटिक अम्ल में सिरका या आचार से प्राप्त होता है।
  • टार्टरिक अम्ल का स्रोत अंगूर, इमली है।
  • टमाटर में सिट्रिक एसिड पाया जाता है।
  • बेनजोइक अम्ल का स्रोत घास, पत्ते हैं।
  • सल्फ्यूरिक अम्ल हरा कसीस से प्राप्त होता है।
  • मैलिक अम्ल का स्रोत सेब है।

अम्ल के कुछ अन्य गुणधर्म भी होते है। जैसे –

  • अम्ल क्षार के साथ क्रिया करके लवण, जल बनाते है।
  • धातु कार्बोनेटो तथा धातु बाइकार्बोनेटो से अभिक्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड गैस को मुक्त करते हैं।
  • अम्लीय पदार्थ अधिक सक्रिय धातुओं के साथ क्रिया करके हाइड्रोजन मुक्त करते हैं।
  • अम्ल के स्वाद खट्टे होते हैं।

नोट – 1. अम्ल जल में विलेय होते हैं जब इन्हें किसी अम्ल को जल में घोला जाता है तो उसमें ऊष्मा उत्पन्न होती है। इस वजह से विलयन का तापमान बढ़ जाता है।

2. यह उत्पन ऊष्मा की मात्रा अम्ल की प्रकृति पर निर्भर करती है और प्रबल अम्लों को जल में घुलने पर अधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न में होती है।

अम्ल वर्षा क्या हैं – Acid Rain Kise Kahte Hai

साधारण वर्ष में जल में में वायुमंडल की कार्बन डाइऑक्साइड घुलने के कारण इसकी pH सामान्यतः 5.6 होती है।जो वर्षा के जल में H + आयन मुक्त करता है।

जब अन्य अम्लों की उपस्थिति के कारण वर्षा जल का pH मान 5 से कम हो जाता हैं। तो ऐसी वर्षा को अम्ल वर्षा कहा जाता हैं।
जब वातावरणीय वायु में सल्फर डाई आक्साइड और नाइट्रोजन आक्साइड जैसे – नाइट्रस आक्साइड या नाइट्रिक ऑक्साइड वर्षा के जल में घुल जाते है। एवम का निर्माण करते हैं। जिससे अम्लीय वर्षा के रूप में होती हैं।
अम्ल वर्षा में मृदा की मृदा की अम्लता बढ़ जाती है। जिससे पादप व जंतु जगत को हानि होती है। अम्ल वर्षा में त्वचा रोग दमा आज की संभावना रहती है संभावना रहती है आज की संभावना रहती है संभावना रहती है त्वचा रोग दमा आज की संभावना रहती है संभावना रहती है में त्वचा रोग दमा आज की संभावना रहती है संभावना रहती है आज की संभावना रहती है संभावना रहती है त्वचा रोग दमा आज की संभावना रहती है संभावना रहती है की संभावना रहती है।
मृदा व पानी के अम्लीय होने से उपज पर वहां के जीव-जंतुओं तथा वनस्पतियों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
अम्ल और उनके स्रोत
अम्ल प्राकृतिक स्रोत
सिट्रिक अम्ल खट्टे फलों ,नींबू ,नारंगी टमाटर
एसिटिक अम्ल फलों के रसों में ,सुगंधित तेलों में
लैक्टिक एसिड दूध ,दही
फार्मिक एसिड लाल चींटी ,बर्रों, बिच्छू में
सल्फ्यूरिक अम्ल कशिश का तेल
नाइट्रिक अम्ल सोरा
बेंजाइक अम्ल घास पत्ते व मूत्र
आकसैलिक अम्ल सारेल के वृक्ष
मैलिक अम्ल सेब केला संतरे का छिलका आलू गाजर
टार्टरिक अम्ल अंगूर कच्चे आम इमली
एस्कार्बिक अम्ल आंवला खट्टे फलों
अम्लों के उपयोग –
अम्लों के उपयोग निम्नलिखित हैं।

हाइड्रोक्लोरिक अम्ल नाइट्रिक अम्ल तथा सल्फ्यूरिक अम्ल व्यवसायिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं नीचे इन के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा कर रहे हैं।

1.हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के उपयोग क्लोराइड तथा क्लोरीन गैस बनाने में

2.कलई से पहले लोहे की चादरों को साफ करने के लिए

3.वस्त्र का उद्योग में रंगने के लिए।

नाइट्रिक अम्ल के उपयोग –

1.उर्वरक विस्फोटक रंग तथा औषधी बनाने के लिए।

सल्फ्यूरिक अम्ल के उपयोग –

1.उर्वरक धावन सोडा प्लास्टिक कृत्रिम रेशे बनाने में। पेट्रोलियम उद्योगों में शोधन के लिए

2.लैड बैटरी में।

फाइनल वर्ड –
आशा हैं कि हमारे द्वारा दी गयी अम्ल किसे कहते है (Acid in hindi) की जनाकारी आपको काफी पसन्द आयी होगी। यदि आपको अम्ल किसे कहते है (Acid in hindi) की जनाकारी पसन्द आयी हो। तो इसे अपने दोस्फो से जरूर शेयर करे। साथ ही साथ हमे कॉमेंट बॉक्स में लिख कर यह भी जानकारी जरूर दे कि आपको आगे कौन सा टॉपिक पढ़ना चाहेंगे। धन्यवाद

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