Mahatmas Buddha’s Biography in Hindi | महात्मा बुद्ध का जीवन परिचय हिन्दी में
हेलो दोस्तों, आज की इस पोस्ट में मैं आपको महात्मा बुध की जीवनी (Mahatmas Buddha’s Biography in Hindi | महात्मा बुद्ध का जीवन परिचय हिन्दी में) के बारे में बताऊंगा, गौतम बुद्ध से महात्मा बुद्ध कैसे बने इन के बचपन का क्या नाम था इनके माता-पिता का क्या नाम था आपके मन में बहुत सारे सवाल होते हैं सारे प्रश्नों को हम शेयर भी करेंगे और उनके उत्तर भी देंगे,
आप चाहे किसी भी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो या आप एक अच्छे रीडर हैं और आपको जीवनी पढ़ने में आनंद मिलता है ज्ञान मिलता है आप इसे बेशक पढ़ें और पसंद है तो अपने दोस्तों में शेयर भी करें |
महात्मा बुद्ध का जन्म – Mahatmas Buddha’s Biography in Hindi
महात्मा बुद्ध का जन्म 563 ईसा. पूर्व में शाक्य एक क्षत्रिय कुल में नेपाल की तराई में स्थित कपिलवस्तु के निकट लूम्बनी ग्राम में हुआ था |
हिंदू धर्म के अनुसार महात्मा बुद्ध को भगवान विष्णु का अवतार भी कहा अथवा माना जाता है |
महात्मा बुद्ध के परिवार में – जाने कौन कौन है ?
- माता – महामाया
- पिता – शुद्धाेधन
- पत्नी – यशोधरा
- पुत्र – राहुल
- मौसी – प्रजापति गौतमी
महात्मा बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ है |
महात्मा बुद्ध के माता का नाम महामाया तथा पिता का नाम शुद्धाेधन था | हालांकि उनका लालन-पालन इनकी मौसी के द्वारा किया गया | इनकी मौसी का नाम प्रजापति गौतमी था | प्रजापति गौतमी को सौतेली मां भी कहा जाता है |
16 वर्ष की उम्र में सिद्धार्थ का विवाह शाक्य कुल परिवार कन्या यशोधरा के साथ हुआ| यशोधरा से एक संतान की प्राप्ति हुई जिसका नाम राहुल था |
महात्मा बुद्ध का सन्यासी बनना –
महात्मा बुद्ध रास्ते में जाते हुए चार ऐसी घटनाएं देखी जिससे उनका हृदय परिवर्तित हो गया और वह सन्यास ग्रहण कर लिए वास्तव में वह घटनाएं इस प्रकार थी –
सर्वप्रथम उन्होंने एक बूढ़े व्यक्ति को देखा इसके बाद उन्होंने एक बीमार व्यक्ति को भी देखा और जैसे-जैसे आगे बढ़ते गए उन्हें एक व्यक्ति का शव भी दिखाई दिया हालांकि उनके मन में प्रश्न उठने लगे थे इसके बाद उन्होंने एक सन्यासी को देखा | यह सभी घटनाएं देखकर वह आश्चर्यचकित होगए वास्तव में यह घटनाएं मन को छू जाने वाली थी यहीं से उनके मन में सांसारिक समस्याएं उत्पन्न हुई और वह संन्यास ग्रहण कर लिए |
29 वर्ष की अवस्था में सिद्धार्थ ने गृह को त्याग दिया हालांकि इस त्याग को बौद्ध धर्म में महभि – निष्क्रमण कहा जाता है |
हालांकि यह भी बताया जाता है कि गृह त्याग के बाद सिद्धार्थ पहली बार अलार कलाम से मिले जो सिद्धार्थ के प्रथम गुरु थे और यह सिद्धार्थ की जिज्ञासा को शांत करने में असमर्थ रहे |
महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति – Mahatmas Buddha’s Biography in Hindi
6 वर्षों की कठिन तपस्या के बाद 35 वर्ष की उम्र में वैशाख पूर्णिमा की रात पीपल पेड़ के नीचे निरंजना नदी के तट पर (पुनपुन नदी) सिद्धार्थ को अलौकिक ज्ञान की प्राप्ति हुई |
ज्ञान प्राप्ति के बाद सिद्धार्थ गौतम बुध के नाम से प्रसिद्ध हुए | इसके बाद महात्मा बुद्ध सारनाथ आए और यहां पर पांच ब्राह्मणों को अपना प्रथम उपदेश दिया यह सभी ब्राह्मण सन्यासी थे | इसे बौद्ध धर्म में “चक्र-परिवर्तन” कहा गया है |
यहीं से बौद्ध धर्म संघ में प्रवेश प्रारंभ हुआ और प्रसिद्ध शासकों में बिम्बसार, उदायिन और प्रसेनजीत थे | बौद्ध धर्म के बारे में हमें त्रिपिटक ग्रंथ जो कि एक बौद्ध धर्म का ग्रंथ है इससे जानकारी मिलती है, हालांकि बौद्ध धर्म का यह ग्रंथ पाली भाषा में लिखा गया है |
बौद्ध धर्म के तीन रत्न बुद्ध, धम्म एवं संघ हैं | बौद्ध धर्म में पुनर्जन्म की मान्यता भी है बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए जिन्होंने सन्यास ग्रहण कर किया उन्हें भिक्षुक कहा गया और जिन्होंने गृहस्थ जीवन को धारण करते हुए बौद्ध धर्म को अपनाया उन्हें उपासक कहा गया|
भारत में बौद्ध धर्म की प्रसिद्ध मठों में बोधगया बिहार में बोधीमंडा मट्ठ है |
प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन 483 ईसा पूर्व में राज्य में किया गया जो कि आजाद शत्रु के शासनकाल में था और इसके अध्यक्ष महा कश्यप बने |
भगवान बुद्ध की सबसे ऊंची प्रतिमा 123 फीट की है जो कि हिमाचल प्रदेश के रेवाल सर झील के पास स्थित है | गौतम बुद्ध की मृत्यु 483 ईसा पूर्व में उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में हुई जिससे बौद्ध धर्म में महापरिनिर्वाण कहा गया है |
अंत में –
उम्मीद है आपको महात्मा बुध की जीवनी (Mahatmas Buddha’s Biography in Hindi | महात्मा बुद्ध का जीवन परिचय हिन्दी में) बहुत पसंद आई होगी, आपको कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताए,अपने दोस्तों में शेयर भी करें, फिर मिलेंगे एक नए रोचक जीवनी तथ्य के साथ |
धन्यवाद !!
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