[Updated] मैथिली शरण गुप्त का जीवन परिचय | Maithili Sharan Gupt Biography in Hindi

Maithili Sharan Gupt Biography in Hindi : आज के लेख में मैथिली शरण गुप्त का जीवन परिचय, कौन है, जीवनी, उम्र, कवि, पिता, परिवार, साहित्यिक करियर, रचना, कविताएं, जन्म, मृत्यु, (Maithili Sharan Gupt Biography in Hindi, Jivni, Kon Hai, Age, Kavi, Father, Mother, wife, Family, Rachanaye, Kavitayen, Birth, Birthplace, Death) के बारे में पूरी जानकारी प्रकाशित की गयी है अतः अंत तक पढ़ें.

मैथिली शरण गुप्त आधुनिक हिंदी के महत्वपूर्ण कवियों में से एक आते है। इनकी हिंदी भाषा की रचनाएँ और कविताएँ बहुत लोकप्रिय हुई। उनकी एक कृति भारत-भारती (1912) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के समय में काफी प्रभावित की। महात्मा गांधी ने इन्हें ‘राष्ट्रकवि’ की उपाधि दी। देश की चिंता होने के कारण इनकी दिलचस्पी ज्यादा देशभक्ति गीतों में हुआ। इन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।

मैथिली शरण गुप्त का जीवन परिचय | Maithili Sharan Gupt Biography in Hindi

नाम (Name)

पत्नि का नाम (wife’s)

मैथिलीशरण गुप्त

श्रीमती सरजू देवी

महात्मा गांधी ने कहा राष्ट्रकवि
जन्म (Birth) 3 अगस्त 1886 में
जन्म स्थान (Birth Place) चिरगांव, झांसी (उत्तर प्रदेश)
पिता का नाम (Father’s) सेठ रामचरण गुप्ता
माता का नाम (Mother’s) काशीबाई
गुरु (प्रेरणा) महावीरप्रसाद द्विवेदी
उम्र (Age) 79 साल
मृत्यु (Death) 1964
मृत्यु का कारण शारीरिक बीमारी
मृत्यु स्थान (Death Place) चिरगांव, झांसी
धर्म (Religion) हिन्दू
नागरिकता (Nationality) भारतीय
बालों का रंग (Hair Colors) काला (Black)
आँखों का रंग (Eye Colors) काला (Black)
कृतियां भारत भारती, यशोधरा, पंचवटी, द्वापर, जयद्रथ वध, साकेत
प्रसिद्ध कृति साकेत
भाषा शैली ब्रजभाषा
पेशा कवि, लेखक
पुरस्कार पद्म भूषण, भारतीय अकादमी पुरस्कार

 

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मैथिली शरण गुप्त का प्रारम्भिक जीवन (Maithili Sharan Gupt Biography Early Life)

Maithili Sharan Gupt Biography in Hindi : मैथिली शरण गुप्त का जन्म झांसी जिले के चिरगांव नामक स्थान पर 1886 ई. में हुआ था। इनके पिता का नाम सेठ रामचरण गुप्त तथा माता का नाम काशीबाई था। इनके पिता की रूचि हिंदी साहित्य से प्रेम दर्शाता है इसलिए ‘गुप्त जी’ पर पिता का प्रभाव दिखा। इनकी प्राथमिक शिक्षा चिरगांव तथा माध्यमिक शिक्षा मैकडोनल हाईस्कूल (झांसी) से सम्पन्न हुई।

इनका विवाह कम उम्र में ही श्रीमती सरजू देवी के साथ हुआ। इनके भाई का नाम सियारामचन्द्र गुप्त था। इनके बेटे का नाम उर्मिल चरण गुप्त था।

इन्होंने घर पर ही अंग्रेजी, बंगला, संस्कृत एवं हिंदी में कविताएं लिखनी शुरू की। जब इनकी मुलाकात आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी जी से हुई तो परामर्श से कविताएं छपी। इन्हें भारत सरकार ने पदमभूषण से भी सम्मानित किया। 12 दिसंबर 1964 को मां भारती का सच्चा सपूत पंचतत्व में विलीन हो गए। गुप्त जी अपनी मृत्यु तक राज्यसभा सदस्य रहे।

 

मैथिली शरण गुप्त का साहित्यिक परिचय | Maithili Sharan Gupt Biography in Hindi

मैथिली शरण गुप्त ने कोई औपचारिक स्कूली शिक्षा नहीं ली थी लेकिन हिंदी में पकड़ होने के कारण इनका साहित्यिक करियर महत्वपूर्ण रहा। जब इन्होंने पहली कविता लिखी तो इनकी उम्र मात्र बारह वर्ष थी। सरस्वती सहित विभिन्न पत्रिकाओं में कविताएँ लिखकर हिंदी साहित्य में कदम रखा।

साल 1910 में भारतीय प्रेस द्वारा ‘रंग में भंग’ के प्रकाशन के बाद मैथिली शरण गुप्त ने जनता के बीच सफलता का पहला कदम रखा। इनकी कविताओं का अधिकांश हिस्सा नाटकों के कथानक रामायण और महाभारत के पौराणिक कथानकों से प्रेरित थे। साकेत’ में रामायण से लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला की कहानी से संबंधित है और प्रसिद्ध कृति ‘यशोधरा’ में गौतम बुद्ध की पत्नी यशोधरा का वर्णन है।

इनकी सबसे लोकप्रिय संग्रह ‘भारत भारती’ मैथिली शरण गुप्त द्वारा लिखित कविताओं में से एक थी। ‘भारत भारती’ के माध्यम से चित्रित राष्ट्रवादी भावना से लोगों में ब्रिटिश हुकूमत से लड़ने की ताकत मिली, लोग प्रेरित हुए। इन्होंने संस्कृत कार्यों का हिंदी भाषा में अनुवाद भी किया ‘रुबैयत’ और ‘स्वप्नवासवदत्त’। स्वतंत्रता में अपने योगदान देने के कारण इन्हें जीवनी के अंतिम समय तक राजयसभा में सदस्य के तौर पर रखा गया।

 

मैथिली शरण गुप्त का जीवन परिचय
मैथिली शरण गुप्त का जीवन परिचय allindiafreetest.com

 

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कवि मैथिलीशरण गुप्त की रचनायें | Maithili Sharan Gupt ki Rachnayen

  1. यशोधरा
  2. रंग में भंग
  3. साकेत
  4. पृथ्वीपुत्र
  5. भारत भारती
  6. जय भारत
  7. पंचवटी
  8. हिन्दू
  9. किसान
  10. चन्द्रहास
  11. द्वापर
  12. कुणालगीत
  13. जयद्रथ वध
  14. सिद्धराज
  15. अनघ
  16. झंकार
  17. नहुष
  18. मंगल घट
  19. मेघनाथ वध’ आदि महत्त्वपूर्ण रचनाएँ हैं।

 

भाषा शैली – Maithili Sharan Gupt Biography in Hindi

(Maithili Sharan Gupt Biography in Hindi) भाषा शैली : मैथिलि शरण गुप्त का हिंदी साहित्य में खड़ी बोली को साहित्यिक रूप देने में महत्वपूर्ण योगदान है। इनकी भाषा ब्रजभाषा है। वे गंभीर विषयों को भी सुंदर और सरल शब्दों में प्रस्तुत करने में माहिर थे। इन्होंने यशोधरा और साकेत जैसे दो नारी प्रधान काव्य की रचना की। इन्होंने भारत भारती मे हिंदी भाषियों में जाति और देश के प्रति गौरव की भावना को जागृत किया। मैथिलीशरण गुप्त जी की राष्ट्रीयता की भावना से ओतप्रोत रचनाओं के कारण हिंदी साहित्य में इन्हें विशेष स्थान मिला। महात्मा गांधी ने इस वजह से इन्हें राष्ट्रकवि कहा।

 

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मैथिलिशरण गुप्त को मिले पुरस्कार (अवार्डस)

  • मैथिलि शरण गुप्त को इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा डी. लिट की उपाधि डी गयी।
  • 1952 में इन्हें राजयसभा सदस्य के लिए मनोनीत चुनें गए और मृत्यु तक सदस्य बने रहे।
  • 1954 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
  • महात्मा गांधी ने इन्हें राष्ट्रकवि कहा।
  • बाद में इन्हें भारतीय अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

मैथिलिशरण गुप्त की मृत्यु (Maithili Sharan Gupt Death Anniversary)

राष्ट्रकवि मैथिलिशरण गुप्त ने अपने जीवन काल में कई काव्य और महाकाव्य की रचना किये। महात्मा गांधी जी के साथ स्वतंत्रता के आंदोलन में कूद पड़े और उनसे प्रभावित हुए। इस कारण इन्हें जेल भी जाना पड़ा किन्तु इन्होंने अपनी रचनाओं से सबको देश भावना में बांधे रखा। अंततः गुप्त जी 12 दिसंबर 1964 ई. को अपने राष्ट्र को छोड़ पंचतत्व में विलीन हो गए।

 

FAQs : Maithili Sharan Gupt 

प्रश्न 1. मैथिलिशरण गुप्त का जन्म कब हुआ था?

उत्तर : इनका जन्म 1886 में हुआ था।

प्रश्न 2. मैथिलीशरण गुप्त का जन्म कहां हुआ था?

उत्तर : झांसी जिले के चिरगांव नामक ग्राम में हुआ था।

प्रश्न 3. मैथिलीशरण गुप्त जी का निधन कब हुआ था?

उत्तर : 12 दिसंबर 1964 ई.

प्रश्न 4. साकेत किसकी रचना है?

उत्तर : मैथिलीशरण गुप्त की।

प्रश्न 5. रंग में भंग किसकी रचना है?

उत्तर : मैथिलिशरण गुप्त

 

कुछ अन्य Important FAQs :

मैथिलीशरण गुप्त का जीवन परिचय कैसे लिखें?

जीवन परिचय : मैथिलीशरण गुप्त का जन्म 3 अगस्त 1886 को झाँसी जीले के चिरगांव नामक गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम सेठ रामचरण कनकने और माता का नाम काशीबाई था. ये अपने माता पिता की तीसरी संतान थे। माता और पिता दोनों ही वैष्णव थे।

 

मैथिलीशरण गुप्त की प्रमुख रचनाएं कौन कौन सी हैं?

मैथिली शरण गुप्त द्वारा रचित कविता – साकेत, पंचवटी, जयद्रथवध, सैरन्ध्री, बक संहार, यशोधरा, द्वापर, नहुष, जयभारत, हिडिम्बा, भारत भारती, विष्णुप्रिया एवं रत्नावली आदि हैं।

 

मैथिली शरण गुप्त के आराध्य कौन है?

मैथिलिशरण गुप्त के बारे में कहा गया है कि ये कबीर दास के भक्त थे। और पं महावीर प्रसाद द्विवेदी जी की प्रेरणा से आपने खड़ी बोली को अपनी रचनाओं में उतारा। मैथिलीशरण गुप्त को साहित्य में विशेष स्थान मिला।

 

मैथिलीशरण गुप्त को राष्ट्रकवि क्यों कहा जाता?

मैथिलीशरण गुप्त को राष्ट्रकवि इसीलिए कहा गया क्योंकि आजादी के पहले राष्ट्रीयता की भावना से लिखते रहे। वह हमारी चेतना, हमारी बातचीत, हमारे आंदोलनों की भाषा बने और लोगों को जागृत करते रहे। इन्हें व्यक्तिगत सत्याग्रह के कारण 1941 में जेल जाना पड़ा था हालांकि तब तक वह हिंदी के एक प्रतिष्ठित कवि के रूप में जाने जा रहे थे।

 

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निष्कर्ष :- उम्मीद हैं आपको आज का लेख मैथिलीशरण गुप्त का जीवन परिचय  (Maithili Sharan Gupt Biography in Hindi) पसंद आया होगा। इसे अपने दोस्तों में शेयर करें धन्यवाद।

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